written on a cold breezy evening by shwetal and me....
ये मौसम ये फिजाएं ये ठंडी बेहेती हवाएं तुम्हारी आहट यू देजाएँ हमे इतना क्यों तद्पाएं काश होते तुम यहाँ यह ठण्ड भी हम सहे जाएं आखों में तुम्हारी खोके हजारों बाते हम करजाएं
ये मौसम ये फिजाएं ये ठंडी बेहेती हवाएं हातों में हात डाले एक दुसरे में हम खो जाएं ना सुध-बुध हो समय का ना कोई शिकायत हो जिंदगीसे
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